shabd-logo

मां

8 मई 2022

26 बार देखा गया 26
empty-viewयह लेख अभी आपके लिए उपलब्ध नहीं है कृपया इस पुस्तक को खरीदिये ताकि आप यह लेख को पढ़ सकें
Monika Garg

Monika Garg

बहुत सुंदर रचना कृपया मेरी रचना पढ़कर समीक्षा दें https://shabd.in/books/10080388

9 मई 2022

prem

prem

10 मई 2022

Thanku so much dear 🌹, Monika ji aapki rachnaye shayed phle mujhe perchage krni hogi.

6
रचनाएँ
prem की डायरी
0.0
इस पुस्तक में प्यार भरी रचनाओं से आप रू-ब-रू होंगें, प्यार भरे एहसास, प्यार भरी तकरार, इसमें हर रंग आपको मिलेगा।
1

जुर्म

30 जनवरी 2022
0
0
0

जुर्म ( गुनाह)कोई जुर्म नहीं किया प्यार किया है,तेरे हर वादे पे ऐतबार किया है।बेशक तुम चाहे ले लो जान भी मेरी, दिल भी तो तुम पे निसार किया है।दिल देकर ही दिल ही तो लिया था,तुमसे ना हमने कोई

2

रूहानी इश्क

1 फरवरी 2022
1
0
0

रूहानी इश्कये मेल है रूह का रूह से, जिस्मों का मेल नहीं,जिस्मों का मेल होता है चंद पलों का, रूहों का मेल रहता, कयामत से परे भी है। हो पतझड़ भी तो ये मेल बना देता उसे गुलज़ार है, खिल उठत

3

जब स्त्री प्रेम में होती है

8 फरवरी 2022
3
2
3

जब कोई स्त्री प्रेम में होती हैभूल कर खुद का वजूद प्रियतम से समां जाती है, हो जाती है न्योछावर उस पर जब कोई स्त्री प्रेम में होती है।जब पाती है सान्निध्य वो अपने प्रीतम का, खिल के कली स

4

मैं मज़दूर हूं

1 मई 2022
1
1
2

हां मैं मज़दूर हूं हां मैं एक मज़दूर हूं , खुला आकाश मेरी छत है , तपती धरती मेरा बिछौना है ।टूटी-फूटी अपनी झोंपड़ी में मुझे हंसना और रोना है । नहीं चाह मुझे महल - माड़ियों की , घास - फ

5

मां

8 मई 2022
1
0
2

मांमाँ..... माँ वो है , जिसको हम शब्दों में व्यक्त नही कर सकते, जिसकी कोई व्याख्या नही कर सकते। माँ के बारे मे जितना कहा जाए कम है । माँ...मात-पिता है, गुरू- सखा है , जननी है, पा

6

गुरु की महिमा

4 सितम्बर 2024
0
0
0

गुरू की महिमा गुरू के बारे में जितना वर्णन किया जाए उतना कम है , गुरू की महिमा के लिए शब्द प्रयाप्य नहीं ।गुरू को ईश्वर का दर्जा दिया गया है।तभी तो कहा गया --गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए