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prem के बारे में

मैं प्रेम बजाज एक रचनाकार, लेखन की दुनिया में आसमान की बुलंदियों से भी ऊंचा उठना मेरा सपना।

पुरस्कार और सम्मान

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-05-21

prem की पुस्तकें

कुछ कहते हैं ये किस्से

कुछ कहते हैं ये किस्से

प्रेम, जुदाई, बदला , परोपकार, एवं शिक्षाप्रद कहानियां हैं इस पुस्तक में, एक बार अवश्य अवलोकन करें 🙏

13 पाठक
20 रचनाएँ

निःशुल्क

कुछ कहते हैं ये किस्से

कुछ कहते हैं ये किस्से

प्रेम, जुदाई, बदला , परोपकार, एवं शिक्षाप्रद कहानियां हैं इस पुस्तक में, एक बार अवश्य अवलोकन करें 🙏

13 पाठक
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निःशुल्क

क्या कभी ये हालात बदलेंगे ??

क्या कभी ये हालात बदलेंगे ??

इस पुस्तक में समसामयिक मुद्दों पर मेरे विचार, जो आज के हालात हैं और जो कल थे। आप इसे पढ़े और अपने विचार व्यक्त करें।

9 पाठक
12 रचनाएँ

निःशुल्क

क्या कभी ये हालात बदलेंगे ??

क्या कभी ये हालात बदलेंगे ??

इस पुस्तक में समसामयिक मुद्दों पर मेरे विचार, जो आज के हालात हैं और जो कल थे। आप इसे पढ़े और अपने विचार व्यक्त करें।

9 पाठक
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prem की डायरी

prem की डायरी

इस पुस्तक में प्यार भरी रचनाओं से आप रू-ब-रू होंगें, प्यार भरे एहसास, प्यार भरी तकरार, इसमें हर रंग आपको मिलेगा।

6 पाठक
5 रचनाएँ

निःशुल्क

prem की डायरी

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इस पुस्तक में प्यार भरी रचनाओं से आप रू-ब-रू होंगें, प्यार भरे एहसास, प्यार भरी तकरार, इसमें हर रंग आपको मिलेगा।

6 पाठक
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प्रेम के जज़्बात

प्रेम के जज़्बात

प्यार भरे जज़्बात, अहसास से भरपूर रचनाएं हैं इस पुस्तक में 🙏

निःशुल्क

प्रेम के जज़्बात

प्रेम के जज़्बात

प्यार भरे जज़्बात, अहसास से भरपूर रचनाएं हैं इस पुस्तक में 🙏

निःशुल्क

किसके नाम की मांग भरूं?

किसके नाम की मांग भरूं?

यह कहानी एक ऐसी औरत पर आधारित है, जिसे बचपन से ही लाल सुर्ख मांग अच्छी लगती थी, उसे मांग भरने का इतना शौंक था कि मांग भरने के मायने ना जानते हुए वो बचपन में खेल-खेल में मांग भरा करती थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

3 पाठक
12 रचनाएँ
1 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 11/-

किसके नाम की मांग भरूं?

किसके नाम की मांग भरूं?

यह कहानी एक ऐसी औरत पर आधारित है, जिसे बचपन से ही लाल सुर्ख मांग अच्छी लगती थी, उसे मांग भरने का इतना शौंक था कि मांग भरने के मायने ना जानते हुए वो बचपन में खेल-खेल में मांग भरा करती थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

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₹ 11/-

शापित कन्या

शापित कन्या

एक ऐसी लड़की की कहानी जिसे पैदा होने से पहले ही शापित किया गया। कौन और कैसे उसे शाप मुक्त करता है जानने के लिए पढ़ें। *शापित कन्या*

3 पाठक
0 रचनाएँ

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शापित कन्या

शापित कन्या

एक ऐसी लड़की की कहानी जिसे पैदा होने से पहले ही शापित किया गया। कौन और कैसे उसे शाप मुक्त करता है जानने के लिए पढ़ें। *शापित कन्या*

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prem के लेख

करवाचौथ

8 अक्टूबर 2022
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करवाचौथ चांद का दीदारअनोखा आज फ़लक का चांद आएगा , करूंगी चांद का दीदार, यकीं है मुझे ना वो बहुत इंतजार कराएगा। इश्क का आनन्द तभी आएगा , जब चांद का चांद सा मुखड़ा नज़र आएगा , साजन सजनी क

एक प्यार ऐसा भी

25 मई 2022
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एक प्यार ऐसा भी देश की राजधानी या यूं कहें कि भारत का दिल दिल्ली।दिल्ली का एक खास इलाका जिसे कूड़े का कुतुबमीनार भी आप कह सकते हैं।जी हां आपने सही पहचाना, ये है दिल्ली का गाज़ीपुर इलाका। कुत

सोलह श्रृंगार

22 मई 2022
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*क्या सोलह सिंगार सचमुच सौभाग्य की निशानी है या महज दिखावा* ?सोलह सिंगार आज के नहीं देवलोक से चली आई परमपराएं हैं, जब से सृष्टि का जन्म हुआ पुरुष ने सदा स्त्री को शृंगारित रूप में देखना पसंद किय

बंटवारे का हिस्सा

20 मई 2022
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बंटवारे का हिस्सारामप्रसाद के दो बेटे बड़ा अनिल पढ़-लिखकर शहर में नौकरी करता है और छोटा अनुज पढ़ाई में कमज़ोर था तो गांव में ही खेती-बाड़ी संभालता है, अचानक रामप्रसाद को हार्ट-अटैक आया और गांव में इला

मर्दानगी का सबूत

20 मई 2022
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मर्दानगी का सबूतअजीत शाह आगरा की मशहूर 'शाह शूज़ फैक्टरी' के मालिक अपने आफिस में बैठे हैं और उनके पास शहर की दूसरी नामी फैक्ट्री मेहरोत्रा शूज़ फैक्टरी' के मालिक अशोक मेहरोत्रा मिलने आते हैं, दो

काश, मैं दुबारा मां बन पाती

16 मई 2022
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काश मैं दूबारा मां बन पाती सावित्री का बेटा-बहू दोनों पढ़े - लिखे ऊंचे ओहदे पर कार्यरत, शादी को पांच साल हो गए लेकिन अभी तक कोई बच्चा नहीं, दोनों कहते हैं कि अभी उन्हें अपना करियर बनाना है,

खोल दिया साहब

16 मई 2022
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खोल दिया साहब राशिद खान को जैसे ही स्ट्रेचर से उतारकर रखा उसके जिस्म में दर्द की लहर उठी, उसे लगा जैसे किसी ने उसके जिस्म की एक-एक हड्डी तोड दी हो, हिलना-डुलना बहुत मुश्किल लग रहा था, फिर भी हिम्

शक

15 मई 2022
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शकआरिफ, रिया की आज सुहागरात है, दोनों बहुत ही खुश हैं, लेकिन अगले ही दिन से आरिफ रिया से दूर रहने लगा, ना तो उससे अधिक बात करता और नि ही उससे पति-पत्नी वाला रिश्ता निभाता, रिया परेशान थी, कि आखिर एक र

ये कैसा इश्क है

13 मई 2022
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ये कैसा इश्क हैऊंचा कद, छरहरा बदन,तीखे नयन-नक्श, पतले-पतले कमान से तराशे हुए लालिमा लिए हुए ठोंठ, आंखें जैसे मय के प्याले हों,लम्बी सुराहीदार गर्दन, उरोज़ो को कहां तक सम्भाले, साक्षात् कामदेव को निमंत

कर्म फल

11 मई 2022
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कर्म फल सागर लगभग 8-9 साल का था, छुट्टियों में नानी के घर गया, जब वापिस आने लगे सागर दो-चार दिन और रूकने की ज़िद करने लगा, मामा के बच्चों के साथ उसे खेलना अच्छा लगता, घर पर कोई खेलने

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