माँ की अपने परिवार ले प्रति सोच पर एक गज़ल।
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( मातृ दिवस पर )रात दिन मां काम कर कर के घर में खटती है,थक तो जाती वो ,मगर उफ़ कभी ना करती है।जाने कब आराम करती है मां, देखा नहीं,रात दिन वो दिल से बस काम करते दिखती है।वो कभी तकलीफ़ अपनी बताती भी