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मैं भी खास हूं।

9 फरवरी 2024

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रचनाएँ
कागज़ की दुनिया
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मेरे द्वारा लिखी गई किताब का नाम "कागज़ की दुनिया" है। इस किताब में "कागज़ की दुनिया" कहानी में यह समझाने की एक छोटी सी कोशिश की गई है कि जीवन में सब कुछ कागज़ यानी पैसा ही सब कुछ नहीं है। यह सब जानते हैं कि पैसा हमारी आवश्यकता को पूरा करने के लिए जरूरी है। लेकिन पैसे से हम खुशियां, इज़्ज़त, प्यार और मिलाप को नहीं खरीद सकते। लेकिन यह सब कुछ जानते हुए भी इंसानी दुनिया में सब कुछ पैसा ही बना रखा है। जिसके पास पैसा है, उनसे रिश्ते रखे जाते हैं। जिनके पास पैसा नहीं है, उन्हें कोई अपने घर में बुलाना भी पसंद नहीं करता। पहले घर कच्चे थे, लेकिन रिश्ते पक्के थे। अब घर पक्के हो गए हैं, रिश्ते उतने ही कच्चे हो गए हैं। पहले जब घर कच्चे थे, तो लोग एक-दूसरे से प्यार, मिलाप और रिश्तों में गहराई रखते थे। लोग पैसे से नहीं इंसानों से प्यार करते थे। एक-दूसरे के काम आते थे। एक-दूसरे से गहरी सांझ रखते थे। लेकिन आजकल लोग इंसानों से नहीं, पैसे से ज्यादा सांझ रखते हैं। दिन-रात पैसा कमाने में लगे रहते हैं। कई लोग तो जल्दी पैसा कमाने के लिए गलत रास्तों पर चल रहे हैं, जैसे घर में शराब निकालकर बेच रहे हैं। यह जानते हुए भी कि यह गैरकानूनी है, लेकिन फिर भी जल्दी पैसा कमाने के लिए उन्हें इस बात का भी डर नहीं है। कोई चोरी कर रहा है, कोई ड्रग्स बेच रहा है, तो कोई पैसों के लिए किसी को मार रहा है। यह सब गलत है। जो लोग ऐसे गलत रास्तों पर चलकर, या किसी को नुकसान पहुंचाकर पैसा कमाते हैं, हम कभी खुश नहीं रह सकते। गलत तरीके से कमाया पैसा हमें सिर्फ खाई में धकेलता है या फिर हमें बड़ी मुश्किलों में डालता है। जब हम इस दुनिया से जाते हैं, तो हम अपने साथ कुछ भी नहीं लेकर जा सकते। अगर हमारे साथ कुछ जाएगा, तो लोगों का प्यार, विश्वास और कुछ नहीं। तो हमें समझना चाहिए कि पैसा ही सब कुछ नहीं है। हमारे मरने के बाद हमारा यहां कुछ नहीं रहता। अगर हमारे मरने के बाद कुछ जिंदा रहता है, तो हमारे द्वारा किए गए अच्छे काम, अच्छे कर्म। तो आज से हम अच्छे कर्म करेंगे ताकि हमारे मरने के बाद भी लोग हमारे द्वारा किए गए अच्छे कामों को याद करें। मेहनत और लगन से पैसा कमाकर खुश रहेंगे। अपनी आंखों से पैसों की पट्टी हटाकर देखें कि जिंदगी कितनी खूबसूरत है।
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लेखक और जादुई गिलहरी

4 फरवरी 2024
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एक बार की बात है, एक शहर में शाम नाम का एक नौजवान रहता था। उसे किताबें पढ़ने और लिखने में बहुत रुचि थी। उसने अपने घर में ही एक छोटी सी लाइब्रेरी बना रखी थी। उसने बहुत सारी किताबें, कहानियां, कविताएं ल

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लेखक और जादुई गिलहरी भाग -2

6 फरवरी 2024
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कहानी के पिछले भाग में हमने पढ़ा कि कैसे लेखक ने सभी को दुष्ट जादूगरनी से बचाया। इस भाग में हम जानेंगे कि आखिर लेखक ने जादूगरनी को कालकोठरी से बाहर क्यों निकाला, आइए जानते हैं। उस दिन राजा ने लेखक को

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मैं भी खास हूं।

9 फरवरी 2024
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पात्र   नीलम (चिंटू और राधा की मां)   दादी मां (चिंटू और राधा की दादी मां)   चिंटू (राधा का छोटा भाई)   राधा (चिंटू की बहन)   (रात का समय है। राधा और चिंटू अपनी दादी मां के कमरे में खेल रहे हैं।)

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कागज़ की दुनिया

13 मार्च 2024
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एक बुजुर्ग औरत को दो व्यक्तियों द्वारा धक्के मारकर रेस्टोरेंट से बाहर फेंक दिया गया है। लेकिन वह औरत बार-बार उस रेस्टोरेंट में जा रही है। उसके ऐसे बार-बार रेस्टोरेंट में जाकर चिल्लाने से, रेस्टोरेंट म

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