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मानव, तुम्हारा धर्म क्या है ?

21 सितम्बर 2019

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धर्म चिड़िया का,

खुशी के गीत गाना !

धर्म नदिया का,

तृषा सबकी बुझाना ।

धर्म दीपक का,

हवाओं से ना डरना !

धर्म चंदा का,

सभी का ताप हरना ।।


किंतु हे मानव !

तुम्हारा धर्म क्या है ?


धर्म तारों का,

तिमिर में जगमगाना !

धर्म बाती का,

स्वयं जल,तम मिटाना ।

धर्म वृक्षों का,

जुड़े रहना मृदा से !

धर्म फूलों का,

सुरभि अपनी लुटाना ।।


किंतु हे मानव !

तुम्हारा धर्म क्या है ?


धर्म चींटी का,

बताना मर्म श्रम का !

धर्म सूरज का,

अधिक ना तप्त होना ।

धर्म सागर का,

रहे सीमा में अपनी !

धर्म मेघों का,

बरसकर रिक्त होना ।।


किंतु हे मानव !

तुम्हारा धर्म क्या है ?


धर्म पर्वत का,

अचल रहना हमेशा !

धर्म ऋतुओं का,

धरा को रंग देना ।

धर्म धरती का,

उठाना भार सबका !

धर्म नभ का है,

विहग को पंख देना ।।


किंतु हे मानव !

तुम्हारा धर्म क्या है ?

--- मीना शर्मा ---

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21 सितम्बर 2019
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मानव, तुम्हारा धर्म क्या है ?

21 सितम्बर 2019
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धर्म चिड़िया का,खुशी के गीत गाना !धर्म नदिया का,तृषा सबकी बुझाना ।धर्म दीपक का,हवाओं से ना डरना !धर्म चंदा का,सभी का ताप हरना ।।किंतु हे मानव !तुम्हारा धर्म क्या है ?धर्म तारों का,तिमिर में जगमगाना !धर्म बाती का,स्वयं जल,तम मिटाना ।धर्म वृक्षों का,जुड़े रहना मृदा से !धर्म फूलों का,सुरभि अपनी लुटाना ।

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