मेरे जीवन का पल-पल
प्रभु तेरा पूजन हो जाए,
श्वास-श्वास में मधुर नाम
भौंरे-सा गुंजन हो जाए।
जब भी नयन खुलें तो देखूँ
तेरी मोहिनी मूरत को,
मेरा मन हो अमराई
तू कोकिल-कूजन हो जाए।
जग में मिले भुजंग अनगिनत
उनके दंशो की क्या गिनती?
वह दुःख भी अच्छा है जिसमें
तेरा सिमरन हो जाए ।
हृदय धरा पर बरसो प्रभुवर
श्यामल मेघों-से रिमझिम,
कृपा दृष्टि की धारा बरसे
जीवन सावन हो जाए।
इतना छ्ल पाया पग-पग
दुनिया का प्रेम भयावह है,
अब तुमसे नाता ना टूटे
ऐसा बंधन हो जाए ।