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'' मातृ भाषा हिन्दी ''

24 दिसम्बर 2015

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ज्यो कृष्ण का अनुराग है कालिंदी से , 
नारी का श्रृंगार सुभग बिंदी  से , 

गंगा का हिमालय  से जो नाता है  अटूट , 

सम्बन्ध वही है हिन्द देश का हिन्दी से !

                  

                      विवेक कान्त श्रीवास्तव 

विवेक कान्त श्रीवास्तव की अन्य किताबें

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जिन्दगी जो हमें सब कुछ सिखाती है !

20 दिसम्बर 2015
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!! जिन्दगी !!‘ जिन्दगी जो हमें सबकुछ सिखाती है ’कभी बचपन की शरारत , तोकभी बुढ़ापे की थकान है जिन्दगी !कभी आँखों में पानी , तोकभी चेहरे की मुस्कान है जिन्दगी !कभी काटो का दामन , तो कभीफूलो की सुगन्ध है जिन्दगी !कभी सागर की ऊची लहर ,तो कभी नदी की गहराई है जिन्दगी !कभी इंसानियत की शक्ल ,तो कभी हैवानियत

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'' मातृ भाषा हिन्दी ''

24 दिसम्बर 2015
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ज्यो कृष्ण का अनुराग है कालिंदी से , नारी का श्रृंगार सुभग बिंदी  से , गंगा का हिमालय  से जो नाता है  अटूट , सम्बन्ध वही है हिन्द देश का हिन्दी से !                                        विवेक कान्त श्रीवास्तव 

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क्रिसमस डे

25 दिसम्बर 2015
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क्रिसमस डे

25 दिसम्बर 2015
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क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला पर्व है। यह 25 दिसम्बर को पड़ता है और इस दिन लगभग संपूर्ण विश्व मे अवकाश रहता है। क्रिसमस से 12 दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की भी शुरुआत होती है। एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, 7 से 2 ई.पू. के बीच हुआ था। 25 दिस

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जिंदगी हमें हर पल कुछ नया सिखाती है

27 दिसम्बर 2015
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हर पल कुछ नया सिखाती है जिन्दगी !!मन में नया एहसास जगाती है जिन्दगी !!जब दूर नगर आती है जिन्दगी , दिन को कुछ याद कराती है जिन्दगी !काश ! कुछ लम्हे और दे जाती है जिन्दगी !!काश ! कुछ लम्हे और दे जाती है जिन्दगी !!

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