!! जिन्दगी !!
‘ जिन्दगी जो हमें सब
कुछ सिखाती है ’
कभी बचपन की शरारत , तो
कभी बुढ़ापे की थकान है जिन्दगी !
कभी आँखों में पानी , तो
कभी चेहरे की मुस्कान है जिन्दगी !
कभी काटो का दामन , तो कभी
फूलो की सुगन्ध है जिन्दगी !
कभी सागर की ऊची लहर ,
तो कभी नदी की गहराई है जिन्दगी !
कभी इंसानियत की शक्ल ,
तो कभी हैवानियत की परछाई है जिन्दगी !
कभी सूरज की तपिस , तो कभी
चाँद की तरावट है जिन्दगी !
कभी सपनो का बहाव , तो कभी
सच की रुकावट है जिन्दगी है !
कभी काजल सी काली , तो कभी
सुबह सी निराली है जिन्दगी !
हर पल कुछ नया सिखाती है
जिन्दगी !!
मन में नया एहसास जगाती
है जिन्दगी !!
जब दूर नगर आती है
जिन्दगी , दिन को कुछ याद कराती है जिन्दगी !
काश ! कुछ लम्हे और दे
जाती है जिन्दगी !!
काश ! कुछ लम्हे और दे
जाती है जिन्दगी !!
विवेक कान्त
श्रीवास्तव
रामनगर, अम्बेडकरनगर, (उत्तर प्रदेश)