3 मई 2022
अब्र था - सब्र था - पानी मे खिलता गुलाब थाउसकी झील सी आंखों में मेरा ख्वाब थानफा था - नुकसान था - मगर व्यापार बेहिसाब थारोज का खर्चा निकलता इसी से जनाब थाबुखार था - जुखाम था - कोरोना का कह