आज कक्षा में
शब्बो से,
मास्टर जी ने पूछा-
"माँ" कैसी होती है ?
शब्बो ने फटाक से
उत्तर दिया-
माँ "चाँद" जैसी होती है
मास्टर जी ने पूछा - वो कैसे
शब्बो ने कहा-
मैं जब कॉपी पर
"माँ " लिखती हूँ न
तो चाँद बिन्दु लगाना पड़ता है
मेरी "माँ"- "चाँद" जैसी है
मास्टर जी के साथ
सारे ख़ुशी के हँस पड़े
सच में मेरी
शब्बो बड़ी हो गई है
संगम वर्मा