shabd-logo

common.aboutWriter

सादा जीवन उच्च विचार

no-certificate
common.noAwardFound

common.books_of

Mohan की डायरी

Mohan की डायरी

Mohan की डायरी

19 common.readCount
30 common.articles

निःशुल्क

Mohan की डायरी

Mohan की डायरी

Mohan की डायरी

19 common.readCount
30 common.articles

निःशुल्क

गरिमा लेखनी की

गरिमा लेखनी की

इस पुस्तक में आध्यात्म या समाज का चित्रण प्रस्तुत किया गया है।

निःशुल्क

गरिमा लेखनी की

गरिमा लेखनी की

इस पुस्तक में आध्यात्म या समाज का चित्रण प्रस्तुत किया गया है।

निःशुल्क

common.kelekh

🌷🌹"पूर्ण सत्गुरू ही सर्वकला संपन्न समरथ सत्ता है..."🌹🌷

27 जनवरी 2022
0
0

🌷🌹"पूर्ण सत्गुरू ही सर्वकला संपन्न समरथ सत्ता है..."🌹🌷 पूर्ण सत्गुरू ही सर्वकला, संपन्न समरथ सत्ता है। बिन इसकी कृपा के तो, खिले न फूल-पत्ता है। सबकुछ लेवे देवे यही,'मोहन' अलौकिक दत्ता है। अज्ञा

🌹"कहीं ऐसा इलाही घर न मिलेगा.."🌹🌷

23 जनवरी 2022
1
1

🌷🌹"कहीं ऐसा इलाही घर न मिलेगा.."🌹🌷 इस लुभावने गुलशन के जैसा, कहीं और यह मंजर न मिलेगा। उल्फ़त से महके जहाँ हर ज़र्रा, वहां ख़ौफ़-ए-ख़ंजर न मिलेगा। महकता हुआ हो हरपल ही जहां, हर वक़्त सुबह और शाम। रूहानि

🌷🌹"बस मोल है ख़्यालात का..."🌹🌷

21 जनवरी 2022
0
0

🌷🌹"बस मोल है ख़्यालात का..."🌹🌷 भास खुदको तब हुआ,अपनी सही औक़ात का। जब सितारे ने था चीरा, दिल अंधियारी रात का। नश्तर चुभाके दिल में जो,बेदर्दी से ज़ख़्म दिए। दर्द को भी न दर्द हुआ, प्रेम भरे जज़्बात का।

🌷🌹"लोहड़ी पर्व"🌹🌷

14 जनवरी 2022
1
1

🌷🌹"लोहड़ी पर्व"🌹🌷 लोहड़ी पौष(पूस) माह की अंतिम रात को एवम मकर संक्राति की सुबह तक मनाया जानेवाला यह पर्व प्रतिवर्ष ही मनाया जाता है। लोहड़ी वाली रात वर्ष की सबसे बड़ी एवं ठण्डी रात मानी जाती है, इस रा

🌷🌹"तुम... ज़िस्म हो या ज़िस्म में हो..."🌹🌷

13 जनवरी 2022
1
1

🌷🌹"तुम... ज़िस्म हो या ज़िस्म में हो..."🌹🌷 तुम क्या महज़ ज़िस्म हो??? यदि ज़िस्म हो तो नामकरण के पहले एवं मरण के उपरांत... क्या अपनी पहचान बता सकोगे!! और यदि ज़िस्म नहीं हो तो फिर क्या हो और कौन हो!!! न

🌷🌹"पर हर गृहणी के हिस्से में कभी रविवार नहीं होता"🌹🌷

9 जनवरी 2022
0
0

🌷🌹"पर हर गृहणी के हिस्से में कभी रविवार नहीं होता"🌹🌷 हर गृहणी 24x7x365 व्यस्त रहती है हरपल ही। पर हर गृहणी के हिस्से में कभी रविवार नहीं होता। वफ़ाई की मिसाल बस सुनने को मिलती है। कोई गृहणी सा यहां

🌷🌹"शांतिदूत मन ये बदहवास क्यों है"🌹🌷

5 जनवरी 2022
0
0

*🌷🌹"शांतिदूत मन ये बदहवास क्यों है"🌹🌷* ना जाने यह दिल उदास क्यों है, कोई चुभन है वो ख़ास क्यों है।किसी से न कुछ कहीं अनबन हुई, दिल में यूं बुरा भास क्यों है। न कभी किसी का दिल दुखाया, 'मोहन'

🌷🌹"प्रेम की फुहार"🌹🌷

2 जनवरी 2022
0
0

<p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"प्रेम की फुहार"</b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr"><i><b>प्रिये सावन की प्यारी रिमझिम, दिल को सुकून पहुंचाती है।</b></i><br> <i><b>फुहार धरती पे हरियाली लाती, ये प्यासों की प्यास बुझ

🌷🌹"शरूर-ए-इश्क़ ख़ुमारी"🌹🌷

1 जनवरी 2022
0
0

<p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"शरूर-ए-इश्क़ ख़ुमारी"</b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr"><i><b>उल्फ़त-ए-यार कितना है, इसका पैमाना नहीं होता। </b></i><br> <i><b>आपसी जज़्बात बहते हैं, उनसा दीवाना नहीं होता।</b></i><br>

🌷🌹"नववर्ष की बधाई व हार्दिक शुभकामनाएं"🌹🌷

31 दिसम्बर 2021
1
1

<p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"नववर्ष की बधाई व हार्दिक शुभकामनाएं"</b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr"><i><b>आख़िरी है गर कुछ भी, तो नई शुरूआत भी है।</b></i><br> <i><b>फ़िर गिला किसपे करें, जो नित करामात भी है।</b><

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए