Mohan की डायरी
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<div><span style="font-size: 16px;">🌾मैं </span>कागज़ एकदम से ही बेरंग हूँ</div><div><span sty
<div align="left"><p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"सतगुरु की महिमा</b></u><u><b>"</b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr
<div align="left"><div align="left"><p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"</b></u><u><b>मानव</b></u><u><b> </b></u
<div><span style="font-size: 16px;">🌷🌹<b><u>सिमरन का प्रभाव</u></b>🌹🌷</span></div><div><span sty
<div align="left"><p dir="ltr">🌷🌹<b><u>"हिंदी भाषा की </u></b><b><u>राष्ट्रीय</u></b><b><u> - </u>
<div align="left"><p dir="ltr">🌷🌹<b><u>"हिंदी </u></b><b><u>दिवस</u></b><b><u> - </u></b><b><u>कवि
<div><span style="font-size: 16px;">🌷🌹<u><b>"मित्रता और प्यार"</b></u>🌹🌷</span></div><div><span
<p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"क़द्र-ए-वक़्त"</b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr"><i><b>समय को गर अहसास में लें तो,
<p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"अंगसंग रमज़ राम की"</b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr"><i><b>'ऊपरवाला' है कितने ऊपर
<div align="left"><p dir="ltr">🌷🌹<b><u>"माँ </u></b><b><u>पासंग</u></b><b><u> न </u></b><b><u>कोई<
<div align="left"><p dir="ltr">🌷🌹<b><u>"ऊपरवाला या </u></b><b><u>फ़िर</u></b><b><u> </u></b><b><u>स
<div><span style="font-size: 16px;">🌷🌹"सच्ची इबादत"🌹🌷</span></div><div><span style="font-size: 1
<div align="left"><p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"</b></u><u><b>मनमत</b></u><u><b> अपनी </b></u><u><b>छोड़</b
<div align="left"><p dir="ltr">🌷🌹<b><u>"विविधा - सारे ही तो अपने हैं..."</u></b>🌹🌷</p> <p dir="l
<p dir="ltr">🌷🌹<u><b><i>"सिमरन रब्बी मनोवृत्ति है"</i></b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr">श्रीरामचरितमान
<div align="left"><p dir="ltr">🌷🌹<b><u>"</u></b><b><u>श्रेष्ठ</u></b><b><u> </u></b><b><u>कौन</u><
<p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"हैप्पी धन तेरस"</b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr">जब किसी बच्चे को अपने पिता के स
<p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"लहरें और तरंगें - विविधा"</b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr"><i><b>मौज़ है समुद्री
<p dir="ltr"> 🌷🌹<u><b>"इलाहियत"</b></u>🌹🌷<
<div align="left"><p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"भारतीय नौसेना के साहसिक नौवीर"</b></u>🌹🌷<br> </p> </div>
<p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"धरा व पर्यावरण पर काली करतूत"</b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr"><i><b>जमीं प्यासी
<div align="left"><p dir="ltr">🌷🌹<b><u>"सपने तो </u></b><b><u>सपने</u></b><b><u> </u></b><b><u>हैं
<p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"मोबाईल के सम हो लग्न प्रभु में..."</b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr"><i><b>मोबाइल
<p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"दुनिया का अंत कैसा होगा.."</b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr"><i><b>प्रारब्ध हो जै
<p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"सच्ची दोस्ती ही जगत की सबसे बड़ी खुदाई है.."</b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr"><i
<p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"नववर्ष की बधाई व हार्दिक शुभकामनाएं"</b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr"><i><b>आख़िरी है गर कुछ भी, तो नई शुरूआत भी है।</b></i><br> <i><b>फ़िर गिला किसपे करें, जो नित करामात भी है।</b><
<p dir="ltr">🌷🌹<u><b>"प्रेम की फुहार"</b></u>🌹🌷</p> <p dir="ltr"><i><b>प्रिये सावन की प्यारी रिमझिम, दिल को सुकून पहुंचाती है।</b></i><br> <i><b>फुहार धरती पे हरियाली लाती, ये प्यासों की प्यास बुझ
*🌷🌹"शांतिदूत मन ये बदहवास क्यों है"🌹🌷* ना जाने यह दिल उदास क्यों है, कोई चुभन है वो ख़ास क्यों है।किसी से न कुछ कहीं अनबन हुई, दिल में यूं बुरा भास क्यों है। न कभी किसी का दिल दुखाया, 'मोहन'
🌷🌹"पर हर गृहणी के हिस्से में कभी रविवार नहीं होता"🌹🌷 हर गृहणी 24x7x365 व्यस्त रहती है हरपल ही। पर हर गृहणी के हिस्से में कभी रविवार नहीं होता। वफ़ाई की मिसाल बस सुनने को मिलती है। कोई गृहणी सा यहां
🌷🌹"लोहड़ी पर्व"🌹🌷 लोहड़ी पौष(पूस) माह की अंतिम रात को एवम मकर संक्राति की सुबह तक मनाया जानेवाला यह पर्व प्रतिवर्ष ही मनाया जाता है। लोहड़ी वाली रात वर्ष की सबसे बड़ी एवं ठण्डी रात मानी जाती है, इस रा