कितनी औरतें चाहिए
"क्या तमाशा बना रखी है। कोय ऐसा दिन याद नहीं, समय से घर पहुंची हो। आखिर उसे कौन समझाए। बाप होता तो उससे बातें भी होती, मां से कुछ कहना उचित नहीं। और तो और मां भी होती तो मेरी बात चलती, है तो सासु मां... फिर भी....ई भी साला गजबे है, 'पौधा सींचे हम और फूल तोड़े कोई और'।"