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soryaprem kavita

2 दिसम्बर 2016
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शीश बोरलो..नासा मे नथड़ी..सौगड़ सोनो सेर कठै,कठै पौमचो मरवण रौ..बोहतर कळियां घेर कठै...!!कठै पदमणी पूंगळ री ..ढोलो जैसलमैर कठै,कठै चून्दड़ी जयपुर री ..साफौ सांगानेर कठै.. !!गिणता गिणता रेखा घिसगी.. पीव मिलन की रीस कठै,ओठिड़ा सू ठगियौड़़ी ..बी पणिहारी की टीस कठै..!!विरहण रातां तारा गिणती.. सावण आवण क

upadhi of rawat rajput

30 नवम्बर 2016
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ध्यान से पढेंरावत समाज युवा जागरण मंचरावत----इतिहास के झरोखे से------1382 ई. में दिल्ली के बादशाह इल्तुतमिश मेवाड़ पर आक्रमण करने जा रहे थे।।जिनका पड़ाव दिवेर घाटे में था।। विहलराव ने तम्बू में सो रहे बादशाह की एक मूंछ और बेगम की चोटी काट ली।। बादशाह जब उठा तो इतना भयभीत हो गया कि उसने बेगम से कहा ""श

rawat rajput

30 नवम्बर 2016
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रावत-राजपूतों का इतिहासMarch 20·क्षत्रिय रावत राजपुत :~ईतिहासकारों ने " रावत " का संधि विच्छेद ईस प्रकार किया हैं :-रा = राजपुताना,व = वीर औरत = तलवार,अर्थात राजपुताना के बहुधा बलशाली , पराक्रमी क्षत्रिय शूरवीर जो तलवार के धनी हैं, वे रावत राजपुत कहलाते हैं| यह राज्य की ओर से मिली हुई एक पदवी है जो

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