Hello friends
आज के समय के लोगों का ऐसा हाल हो गया है की वो एक दूसरे से सिर्फ अपने मतलब के लिए भाईचारा रखते हैं । एक बार मतलब खत्म तो भाईचारा खत्म । इसी के आधार पर मैंने चार लाइन लिखी है । आप इसे पढ़कर जरूर बताना की ये कविता आप लोगों को कैसी लगी ?
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मुंह पर हंसी और दिल में जहर रखकर ,
मुंह पर हंसा कर और पीठ पीछे रुला कर ,
इंसानों को मजा आने लगा है ,
एक दूसरे को गिरा कर ।
यहां हर इंसान के दो रूप हैं ,
कोई आप के पास तो कोई दूर है ,
सब का दिल अलग ,
लेकिन दिमाग एक है ।
मुंह पर करेंगे बड़ाई और ,
पीठ पीछे करेंगे बुराई ,
इन्हें नहीं है कोई दूसरा काम ,
क्योंकि मुखौटा लगाया हुआ है हर इंसान ।
खुद लड़ेंगे , झगड़े , बुरा भला कहेंगे ,
कुछ दिनों के बाद खुद ही दोस्ती का हाथ बढ़ाएंगे ,
सब कुछ भूल कर हम इनसे कैसे कर ले दोस्ती ,
अपना काम निकलने के बाद फिर ये यही हथकंडे अपनाएंगे ।