नारी से ही है ये संसार , नारी कर सकती है दुष्टों का संहार , नारी असहाय नहीं है बिलकुल , नारी से ही बढ़ता है कुल । कुछ लोग कहते है की , इन नारियों का नहीं है कोई घर , लेकिन नारियों के बिना भी , कोई घर , घर नहीं । एक बेटी , बहु , पत्नी , मां , सब धर्म निभाती है नारी , फिर भी हमेशा रहती है मुस्कुराती , क्योंकि पुरुषों से महान है नारी । फिर भी मारा , पीटा जाता है , प्रताड़ित किया जाता है , पुरुषों द्वारा नारी को , ना जाने ये कब समझेंगे की , जीवन की दात्री है नारी ।
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