shabd-logo

खुशियां

2 अगस्त 2022

18 बार देखा गया 18
मुझे लगा की खुशियों ने ,
 हमारा पता ढूंढ लिया , 
लेकिन शायद खुशी भी , 
हमारे साथ रहकर मायूस हो गई।
जो खुशियां बचपन में होंठों पर ,
 आ जाया करती थी ,
लगता हैं वो भी स्वार्थी हो गई है , 
और अपने स्वार्थ में आकर , 
ही होंठों को सजाएंगी ।
खुशियों ने तो हमसे मुंह ही मोड़ लिया ।
बड़ी  खुशियां ढूंढ़ने के चक्कर में , 
हम छोटी खुशियों के बारे में तो भूल ही गए 
 । 
Randhir Sìngh

Randhir Sìngh

छोटी खुशियों को संजो कर रखें

5 अगस्त 2022

Sanju Nishad

Sanju Nishad

5 अगस्त 2022

हां छोटी खुशियों को संजो कर रखना बहुत जरूरी है

24
रचनाएँ
Sanju की डायरी
0.0
ये किताब हमारे जीवन की बहुत सारी अच्छी या बुरी कसौटीयों पर आधारित है । अक्सर हमारी जिंदगी में ये समय आते जाते रहते हैं । इस किताब में दैनिक प्रतियोगिता के शीर्षक के बारे में भी लिखा गया है । संजू की डायरी के अन्य शीर्षक आपको कुछ याद दिलाएंगी , जो आपके जीवन की कुछ अच्छे या बुरे समय की याद दिलाएंगी । इनके शीर्षकों से मेरी एक फिलिंग जुड़ी हुई है ।
1

बेटियां बेटों से कम नहीं

31 जुलाई 2022
6
5
5

hello frends अब तक मैं सोचती थी की , काश मैं भी बेटा होती ,लेकिन अब मुझे पता चल की , बेटियां भी बड़े भाग्य से हैं होती ।माना की बेटे किस्मत से हैं होते ,तो बेटियां भी सौभाग्य से हैं होत

2

शिक्षा पर होता है सबका हक

1 अगस्त 2022
2
3
4

घर में पैसे ना हो तो ,बेटों को कर्ज लेकर पढ़ाया जाता है ,लेकिन कुछ जगहों पर बेटियों को , पढ़ने से भी रोका जाता हैं । पढ़ाई पर तो सबका है ,बराबर का हक , लेकिन फिर भी क्यों हमसे , छी

3

खुशियां

2 अगस्त 2022
1
2
2

मुझे लगा की खुशियों ने , हमारा पता ढूंढ लिया , लेकिन शायद खुशी भी , हमारे साथ रहकर मायूस हो गई।जो खुशियां बचपन में होंठों पर , आ जाया करती थी ,लगता हैं वो भी स्वार्थी हो गई है ,&nb

4

मुस्कान

3 अगस्त 2022
1
1
2

Hello friends ना जाने कहां खो गई ,वो बचपन की मुस्कान मेरी , हर वक्त , हर लम्हा मायूस रहती हूं , क्या यही है समझदारी की पहचान मेरी ।अगर हर वक्त मायूस रहना , है समझदारी की पहचान ,तो

5

मुखौटा लगाया हुआ है हर इंसान

4 अगस्त 2022
1
2
2

Hello friendsआज के समय के लोगों का ऐसा हाल हो गया है की वो एक दूसरे से सिर्फ अपने मतलब के लिए भाईचारा रखते हैं । एक बार मतलब खत्म तो भाईचारा खत्म । इसी के आधार पर मैंने चार लाइन लिखी है । आप इसे पढ़कर

6

अनोखी दोस्ती

5 अगस्त 2022
0
1
0

Hello friendsकितने प्यारे होते थे हमारे ,वो बचपन के दिन ,जब हम अपने किसी खास , दोस्त के साथ रहते थे ? न जाति , न धर्म हम तो ,इंसानों के संग रहते थे ,दोस्ती हमारी इतनी थी गहरी , की हम दो

7

दोस्ती - अनमोल गहना

6 अगस्त 2022
1
1
2

Hello friendsदोस्तों के साथ तर्क - वितर्क करना , खुद हंसना और दोस्तों को हंसा कर रखना , किसी भी परिस्थिति में एक साथ मिल के रहना ,यही दोस्ती है एक अनमोल गहना । दोस्तों के बिना ये जिंदगी

8

छोड़ दो बेजुबानों को मारना

7 अगस्त 2022
0
1
0

जब दे ना सको एक निवाला , इन बेजुबान जानवरो को , तो इन पर हाथ उठाने का , कोई हक नहीं ? इन बेचारों ने खुद को बदल कर , शिकार करना भी भूल दिया , और इंसानों को बना लिया

9

बरसात

8 अगस्त 2022
0
1
0

मौसम सुहाना , बच्चों को लुभाना , सूखा का जाना , हरियाली का आना , फिर से आ गई वो बहार , फिर से आ गई बरसात ।बादल के उमड़ने से मन खुश होता है ,बादल के गरजने से जी डरता है , बारि

10

आकर्षण

10 अगस्त 2022
1
2
2

Hello friendsएक नजर देख लेने से ,एक बार बात कर लेने से , कुछ पल एक साथ टाइम बिता लेने से , नहीं होता है कोई प्यार का लक्षण , मत समझो इस अहसास को प्यार , ये सब है एक आकर्षण ।कुछ समझ

11

जिंदगी एक खेल

10 अगस्त 2022
0
1
0

Hello friendsआज के इंसान भी अपनी जीत के लिए , करते हैं अपने ही लोगों से दांव - पेंच , षड्यंत्र बनाते हैं अनेक , ये जिंदगी आसान नहीं , जिंदगी भी है एक खेल ।जिस तरह लूडो में ही अपने ,&nbs

12

राखी - अनोखा बंधन

11 अगस्त 2022
2
1
0

रेशम के डोर से बना ,एक अटूट बंधन , इस बंधन का नहीं है कोई मोल , ये राखी का बंधन है अनमोल । सदियों से चली आ रही है , भाई - बहन में रखी का प्रचलन , इस दिन की खुशियों का नहीं है

13

बेरोजगारी और राजनीति

12 अगस्त 2022
1
2
1

स्कूल , कॉलेज में शिक्षा से , ज्यादा पैसों की हो गई भरमार , राजनीति के अधिकाधिक प्रचलन से , अधिक युवा हो गया है बेरोजगार ।बेरोजगार और राजनीति के मार से हर , युवा है पीड़ित चाहे ,&n

14

सलमान रुश्दी

13 अगस्त 2022
4
3
0

सलमान रुश्दी थे एक लेखक , जिन्होंने " द सैटेनिक वर्सेज " , किताब लिखा , क्या था दोष , इनका जो इन्हें मारने का साजिश किया । सलमान रुश्दी ने अपने आंखों , देखा , जो सोचा और

15

हर घर तिरंगा

14 अगस्त 2022
2
2
1

हमारे देश की शान ,भारतीयों की पहचान , रहेगी जब तक धरती - अंबर में जान , तब तक तिरंगे का होगा जयजयकार ।तिरंगे की आन , बान , शान के , लिए हम देते रहेंगे बलिदान , मर कर भी कर जाए

16

स्वतंत्रता दिवस

15 अगस्त 2022
5
3
0

75 वें वर्षगांठ पर हमारा पूरा देश , खुशी से अमृत महोत्सव मनाएगा , जाति , धर्म सब भूलकर इंसानियत , को गले लगाएगा । जाति - पाति , धर्म को भुलाकर , " वसुधैव कुटुंबकम " को अपनाएगा

17

आज़ादी के नायक

16 अगस्त 2022
0
1
0

जब पूरा देश था अंग्रेजों के जंजीरों में जकड़ा , तब सुभाष चंद्र बोस , चंद्र शेखर आजाद और ,भगत सिंह जैसे बहुत महापुरुषों ने अपने देश , की स्वतंत्रता के लिए अपनी जान को लुटाया । अपने देश क

18

जातीय हिंसा

17 अगस्त 2022
5
4
4

ऊंच - नीच , जाति , धर्म , मजहब के नाम ,पर क्यों एक - दूसरे का खून बहाते हो , हम सब का एक ही रंग - रूप और खून है , फिर भी जातीय हिंसा जताते हो । जाति हिंसा के संचालकों ने , जाति, धर

19

रोहिंग्या - शरणार्थी या अवैध घुसपैठ

18 अगस्त 2022
3
3
0

Hello friendsरोहिंग्या शरणार्थी है या अवैध घुसपैठ ये तो किसी को भी नहीं पता है , लेकिन बिना जाने इन पर कोई फैसला भी नहीं लिया जा सकता है । हमारा देश इनके शरणार्थी होने के कारण इनके सुविधाओं की व्यवस्थ

20

नटखट श्याम

19 अगस्त 2022
0
1
0

बालपन में हीं राक्षसों का नाश करके ,असुरों का बन गया था काल ,करता चोरी माखन की , ऐसा था नटखट श्याम ।गोपियों के संग रास रचाए , शाखाओं के संग गाय चराए, राधा को दिल से चाहे , ऐसे

21

आधुनिक भारत

21 अगस्त 2022
2
2
0

आधुनिक भारत को लेकर सरकार ने अच्छा कदम उठाया है , इससे हमारे देशवासियों को काफी लाभ हुआ है । सरकार ने कई सारी अच्छी - अच्छी व्यवस्थाएं करवाई ( जैसे - कौशल विकास ) , जिसकी वजह से आम लोगों को प्रशिक्षित

22

ऑफलाइन vs ऑनलाइन शिक्षा

22 अगस्त 2022
7
4
2

ऑनलाइन शिक्षा से हुए हैं , घर बैठे पढ़ने में आसानी , एक से एक बड़े टीचर से , अपने घर पर ही रहकर कर सकते हैं पढ़ाई ।जो जानकारी हमें ऑफलाइन में , नहीं है मिल पाती वो पढ़ाई भी ,

23

बॉय कॉट कल्चर

23 अगस्त 2022
2
1
0

Hello friendsअपने कल्चर का करो सम्मान , न करो पारंपरिक कल्चर का अपमान , आज की इन अभिनेत्रियों ने , किया है कल्चर का बहिष्कार ।बॉय कॉट कल्चर को करें , अपनी जिंदगी से दूर , पारं

24

हेट स्पीच

24 अगस्त 2022
6
5
2

वर्तमान समय में सब निंदा और हेट स्पीच में इतने लिप्त हो गए हैं की उन्हें और कोई काम रह ही नहीं गया है । बस एक - दूसरे की चापलूसी और निंदा में ही मानों उनकी पूरी दुनिया सिमट सी गई हो ।ऐसे निंदायुक्त लो

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए