Hello friends
कितने प्यारे होते थे हमारे ,
वो बचपन के दिन ,
जब हम अपने किसी खास ,
दोस्त के साथ रहते थे ?
न जाति , न धर्म हम तो ,
इंसानों के संग रहते थे ,
दोस्ती हमारी इतनी थी गहरी ,
की हम दो जिस्म एक जान रहते थे ।
दोस्ती एक अनोखा रिश्ता है ,
जिसे हम अपनी मर्जी से चुनते हैं ,
दोस्त और दोस्ती के खातिर तो ,
हम पूरी दुनियां से लड़ते हैं ।
जब कोई न हो हमारे पास ,
तब दोस्त ही देता है हमारा साथ ,
दोस्ती के वो खास लम्हें ,
मुझे हमेशा रहेंगे याद ।
अभी हैं दोस्त और हमारी दोस्ती ,
जी भर के जी लो और कर लो मस्ती ,
ये पल , लम्हें आगे भी हमें आयेंगे याद ,
दोस्ती न हो कभी हमसे दूर ऊपर वाले से यही है फरियाद ।