75 वें वर्षगांठ पर हमारा पूरा देश ,
खुशी से अमृत महोत्सव मनाएगा ,
जाति , धर्म सब भूलकर इंसानियत ,
को गले लगाएगा ।
जाति - पाति , धर्म को भुलाकर ,
" वसुधैव कुटुंबकम " को अपनाएगा ,
अपने देश की अखंडता के लिए ,
हंसते - हंसते प्राण त्याग कर जाएगा ।
अमृत महोत्सव के शुभ अवसर पर ,
हमने हर घर तिरंगा फहराया है ,
ये तिरंगा हम सब को ऐसे ही नहीं मिल गया ,
इसके लिए हमारे अनेकों वीरों ने हंसते हुए सिर कटवाया है ।
भगत सिंह , खुदीराम बोस , चंद्र शेखर आजाद ,
और बहुत से देश भक्तों ने देश को आजाद करने के ,
अपने प्राणों को हंसते - हंसते गवाया है ,
तब जाकर ये अमृत महोत्सव आया है ।
आज सरहद पर अनेक देश भक्त ,
अपने माता - पिता , भाई - बहन और परिवार ,
की मोह माया त्याग कर अपने देश के सम्मान ,
और गर्व के खातिर दुश्मनों के बीच तिरंगे को फहराया है ।
आप सबको स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं ।