विधान - २५ मात्रा १३ १२ पर यति यति से पूर्व वाचिक १२/लगा अंत में वाचिक २२/गागा क्रमागत दो-दो चरण तुकान्त कुल चार चरण पर मुक्तक में तीसरा चरण का तुक विषम “छंद मुक्तामणि मुक्तक”अतिशय चतुर सुजान का छद्मी मन हर्षायामीठी बोली चटपटी सबका दिल उलझाया पौरुष अपने आप में नरमी गरमी स