मुझे बचपन से ही था मुंबई शहर का आकर्षण और मै अपनी दीदी को पटाया करती थी कि चलो!मुंबई भाग जाते है.
तब दीदी कहती थी.. ट्रक वाले बहुत खराब होते है.
दीदी बड़ी थी तो उसे पता था कि रास्ते में ट्रक वाले हमें लूट लेंगे.
पर मुझे नहीं समझता था और मै चाहती थी कि मुंबई भाग जाऊ.
मै कितनी पागल और दीवानी थी. सच पूछो तो अनभिज्ञ व अनजान थी उन हादसों से जो जिंदगी में घटने वाले थे और जिंदगी जिनकी वजह से पूरी तरह से गारत होंगी.
मुंबई जाने के लिए जो ऐसा सोचते है वो गलत है.
मुंबई का आकर्षण सभी को अपनी ओर खिंचता है मुझे भी खिंचता था किन्तु हक़ीक़त में वो शहर उतना अच्छा नहीं है.
कोई भी शहर उतने अच्छे नहीं है जीतने वो बाहर से दिखते है.
इन शहरों का डार्क साइड भी है जिससे साक्षात्कार होना जरूरी है.
सच को जानना जरूरी है वर्ना रास्ते में लूट सकते है मुंबई जाने के पहले ही.