प्रत्येक व्यक्ति को हनुमानजी की भक्ति करना चाहिए। कलियुग में हनुमान ही एकमात्र जाग्रत देव हैं। उनका चारों युग में प्रताप है। उनकी भक्ति से व्यक्ति के भीतर साहस और आत्मविश्वास का संचार होता है। हनुमानजी की भक्ति हर संकट से बचाती है। भक्तों ने अपनी भक्ति के चलते हनुमान
सोचता हूँ गढ़ दूँ मैं भी अपनी मिट्टी की मूर्ति, ताकि होती रहे मेरे अहंकारी-सुख की क्षतिपूर्ति। मिट्टी-पानी का अनुपात अभी तय नहीं हो पाया है, कभी मिट्टी कम तो कभी पर्याप्त पानी न मिल पाया है। जिस दिन मिट्टी-पानी का अनुपात तय हो जायेगा, एक सुगढ़ निष्प्राण शरीर उभर आयेगा। कोई क़द्र-दां ख़रीदार भी होगा रखे