यह स्त्री पर होने वाले अत्याचार और नारी की सहनशीलता का वर्णन है।
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लता वहां पर रूकी रही और एक आशावादी दृष्टि से उस राह को ताकती रही जिसे पाने के लिए उसे इस संकट का सामना करना पड रहा था। उसकी कातर निगाहों को देखकर किसी को भी दया आ जानी थी लेकिन सुंदरता के नशे में चूर
ज्येष्ठ की चढ़ती दोपहरी और तपती धरती पर आसमान के नीचे सूर्य के प्रचंड तेज का सामना करना एक आसान काम नहीं है इस तपन में धरती पर पैर पड़ते ही जल उठते हैं लेकिन उस सांवली सूरत वाली एक सुन्दर शक्ल क
लता का पति जिस लड़की को देखने गया था वह उसके सभी परिवार वालों को पसंद आ गई थी। इसलिए सभी लोगों की सहमति से लड़की के माता-पिता से बात हो गई।इस बात की खबर गांव में किसी को भी नहीं लगने दी। सिर्फ उसके मा
लता का पिता एफ आई आर करके चला गया।इधर इसकी भनक लता के पति के ससुराल में लग गई। कि उसकी पहले की पत्नी लता के पिता में पुलिस थाने में दहेज का केस दर्ज कर दिया है। यह भनक लगते ही लता का पति अपनी नई पत्नि