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यूंही आते रहना वैसे तो वह रजनी के पापा थे। लेकिन हम बच्चों के लिए और पुरे गांव के लिए काका -पहलवान काका । काका जैसे बुढे़ होते गये पहलवान जैसी देह भी कमजोर होती गयी । अब कोई पहलवान काका बुलाता तो कहत