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निगाहें

28 जून 2016

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  • ये निगाहें तकती हैं तेरी राह तुझे मेरी इतनी तो खबर होगी कब आओगे तुम मेरे पहलू में कब मेरी शामें सहर होंगी कोई वादा न याद दिलाऊंगी तुम्हें न बात कसम की किसी पहर होगी बीतेंगे दिन हमारे लम्हों की तरह जब संग तेरी मेरी रहगुज़र होंगी कहीं तो रुकेगा कांरवां ये दर्द का कहीं तो मुझे भी खुशी मय्यसर होगी । प्रिया 

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ये निगाहें तकती हैं तेरी राह तुझे मेरी इतनी तो खबर होगी कब आओगे तुम मेरे पहलू में कब मेरी शामें सहर होंगी कोई वादा न याद दिलाऊंगी तुम्हें न बात कसम की किसी पहर होगी बीतेंगे दिन हमारे लम्हों की तरह जब संग तेरी मेरी रहगुज़र होंगी कहीं तो रुकेगा कांरवां ये दर्द का कहीं तो मुझे भी खुशी मय्य

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