काँटों मैं रहकर फूल सदा हँसते मुस्काते रहते हैं .जीवन मैं तो सुख दुःख यूँ ही आते जाते रहते हैं. है पतझड़ की रुत आज अगर ,तो ये मौसम भी बीतेगा . तू विचलित मत हो जाना ,इक दिन तू ही जीतेगा . तेज सूर्य है गात जलाता ,पर वो जीवन भी देता है . सारी दुनिया का सुख उससे पर क्या वो तुमसे लेता है. इसलिए मेरे साथी तुमको हंसकर के जीवन जीना है , परोपकार मैं जहर मिले तो वो भी हंसकर पीना है सच्चा जीना उनका जीना , जो औरों के कष्ट उठाते हैं .काँटों मैं रहकर ...............