क्या तुमने छुआ है उस दिल को जहां गम है बड़ी तन्हाई है . जब तुमको पुकारा है हमने बदले में मिली रुसवाई है .मेरे पाँव के छालों का दर्द किसे महसूस हुआ , महबूब परस्ती के पथ पर सबने हँसी उड़ाई है . पाना पाना क्या जीवन है खोना खोना ही जीवन है . जिस जिसने ठोकर झेली उसने ही मंजिल पाई है . एक शहर के कोने से है खतरे में है मजहब आवाज उठी .भाईचारा टूट गया ये किसने आग लगाईं है .