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नियति

4 फरवरी 2015

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कहीं भी , कैसे भी लोग अपनी असफलता का कारण नियति पर दाल कर छुट्टी ले लेते हैं , परन्तु आप विचार करें आपकी असफलता के लिए क्या नियति ही दोषी है | वास्तव में लोग कर्तब्यहीनता को नियति बताकर बचने की कोशिश करते हैं या अपनी अकर्मण्यता पर पर्दा डालने के लिए नियति का सहारा लेते हैं | २ - आइये हम पूरे मनोयोग से और अपना सब कुछ लक्ष्य के लिए अर्पित करे अर्थात अपना १००% लगाकर कर्म करे तब हमें हमारी असफलता के लिए बहन नहीं ढूढ़ना पङेगा |
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आपका श्रेय

27 जनवरी 2015
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आप जिन लोगो के बीच उठते बैठते हैं , आपकी चर्चा भी उसी तरह की होगी | आप चर्चा जैसी करेगें , वैसे ही आप के विचार बनेगे | आप के विचार ही आपकी मान्यताएं बन जाएगी और आप अपनी मान्यताओ के अनुसार अपनी योजनाएं बनायेगें | योजनाओ का क्रियान्वयन भी आप के विचारो के अनुरूप होगा | योजनाओ की सफलता या असफलता

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नियति

4 फरवरी 2015
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कहीं भी , कैसे भी लोग अपनी असफलता का कारण नियति पर दाल कर छुट्टी ले लेते हैं , परन्तु आप विचार करें आपकी असफलता के लिए क्या नियति ही दोषी है | वास्तव में लोग कर्तब्यहीनता को नियति बताकर बचने की कोशिश करते हैं या अपनी अकर्मण्यता पर पर्दा डालने के लिए नियति का सहारा लेते हैं | २ - आइये हम पूरे म

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