जेल में जाने से कोई अपराधी नहीं हो जाता जबतक न्यायालय उसे दोषी न ठहराए. अपराध सिध्द होने तक हम कथित तौर पर गिरफ्तार अभियुक्तों को चोर, हत्यारा, आतंकवादी या देशद्रोही कहते हैं. विशेष रूप से इन शब्दों का इस्तेमाल कोर्ट और पत्रकारिता में किया जाता है. लेकिन हमारे देश में तो न्यायालय के फैसले से पहले ह