28 नवम्बर 2021
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मैं 2001 से लेखन के क्षेत्र में हूं बहुत से मंचों में मंचस्थ हुआ हूं तीन काब्य पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है और अभी एक इंग्लिश नोवेल प्रकाशित हुई है ( ड्रीम व्हेन यू स्टार्ट डेकोरेटिंग,,) दूसरी नोवेल लिख रहा हूं हिंदुस्तान में अब गांव की गलियों में भी साहित्य की उपासना हो रही है यह गर्वोक्ति हर हिंदुस्तानी में होना लाजिमी है । कलम कुछ नया करने की चाह में निरंतर चलती है बिना थके अविरल बहती रहती है । गंगा मइया में मिलने को आतुर , कहानियों की सरिता बन कर लघु कथाओं के रूप में बालिकाओं महिलाओं को चिन्हित करती, उसकी वेदनाओं को चित्रित करती हुई समाज में उसके प्रति सार्थक संवेदनाओं की आकांक्षी यह कलम जनमानस को झिंझोड़ने व सतर्क करने में कितनी सफल हो पायेगी यह तो पाठक वृंद के आशीर्वचनों से ही सुशोभित हो पाएगा।D
बहुत ही मर्मस्पर्शी प्रस्तुति है, इसे कहते हैं मानवता। सच इंसानियत इसी का नाम है
14 जनवरी 2022
बहुत अच्छा
27 दिसम्बर 2021