मनुष्य अनजान घटनाओं से नावाकिफ अपनी हरकतों को नित्य ऐसे अंजाम देता है जैसे वक्त उसका गुलाम हो पर कभी कभी वक्त की पटकनी उसे कष्टों के जंगल में निष्ठुरता से फेंक आती है तो कभी उसे ऐसे उपहार से नवाज देती है जिसकी उसने कल्पना भी नही की थी कुछ ऐसे ही सफर में निकली मेरी कलम भविष्य में क्या करवट लेगी इससे मैं भी अनजान आपके सामने अपनी प्रस्तुति पेश करते हुए न जाने क्यूं मेरा दिल बड़ी तेजी से धड़क रहा है । शायद आप मुझे तारीखों में याद रख पाएंगे इसी विश्वास के साथ आपका ही डॉ वासु देव यादव
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