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वो चला गया

6 नवम्बर 2021

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उसको जाना था वो
चला गया
मुझसे नाता तोड़ गया
मुझको रोता छोड़ गया

मिन्नते की 
मन्नते ली
पर था वो हरजाई माना ना
मुझको तड़पता छोड़ गया
मुझको रोता छोड़ गया 

कसमें याद दिलाई उसको
वादे भी याद दिलाये थे
फिर भी ना माना बात मेरी
हँसी को मेरी तोड़ गया 
मुझको रोता छोड़ गया 

मुड़के भी ना देखो उसने
आवाज़ जो दी मैंने उसको
जिंदगी को मेरी वीराना करके
रूह को झिंजोड गया 
मुझको रोता छोड़ गया 

यूँ प्यार को उसने समझा खेल
क्यों दिल से दिल का हुआ ना मेल
यादों को धुन्दला करके 
हर मंजर वो पोंछ गया
मुझको रोता छोड़ गया ।

"मीनाक्षी पाठक"©️®️
यादों के मौसम से
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रचनाएँ
भावों की अभिव्यक्ति
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भावों को शब्दों में ढालने का सबसे अच्छा माध्यम है कविता । कविता में आप प्यार ,दर्द ,खुशी और गम सब बयां कर सकते है । कविताओं को लिखने के लिए शब्दो की सीमा नही होती । कम से कम और ज्यादा से ज्यादा शब्दो मे आप अपनी बात कह सकते है ।

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