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ऑन लाइन इश्क़

कुमार नवनीत (बहुश्रुत)

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पाठकों को मेरा नमस्कार। ये पुस्तक ,कोई कल्पना नही है। हकीकत है लेखक की, जीवन की यात्रा में एक सफर सुरु हुआ सोशल मीडिया का। उसी धारा में बहते बहते उनको लाइव गीत गाते सुना, बस हो गए आवाज के दीवाने। फिर क्या कुछ बातें , जिनमें परिचय , फिर मुलाकात और ऐसा रिश्ता जो सायद मुझमें ऐशे समाया की , अब उस हिस्से के बिना जीना मुश्किल लगता है। लेकिन न जाने क्यों उसकी नजर अब मुझमें खुबिया कम खामियां ज्यादा ढूंढती है। सायद अंजामे मोहब्बत इसी मंज़िल तक जाती है। आगे राम जी जाने________ 

onn laain ishq

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