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भर ले तू ऊँची उड़ान

26 अगस्त 2017

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नहीं ख़्वाबों पर कोई बंदिशें,
न वक़्त के साथ कोई बढ़ती रंजिशें
दे होसलों को नई पहचान,
भर ले तू ऊँची उड़ान.

कुछ नए ख़्वाब इन आँखों में बसा ले,
जरा उम्मीदों वाला सुरमा लगा ले
कसकर ज़िंदगी की कमान
भर ले तू ऊँची उड़ान.

आकाश है खुला पड़ा,
समंदर तेरे क़दमों में पड़ा
पक्के इरादों से हासिल कर नए मुकाम
भर ले तू ऊँची उड़ान.

अरमानों के तीर से सीना

पत्थरों का तू चीर दे

भुलाकर सारे झूठे अभिमान
भर ले तू ऊँची उड़ान.
भर ले तू ऊँची उड़ान.

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भर ले तू ऊँची उड़ान

26 अगस्त 2017
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नहीं ख़्वाबों पर कोई बंदिशें,न वक़्त के साथ कोई बढ़ती रंजिशेंदे होसलों को नई पहचान,भर ले तू ऊँची उड़ान.कुछ नए ख़्वाब इन आँखों में बसा ले,जरा उम्मीदों वाला सुरमा लगा लेकसकर ज़िंदगी की कमानभर ले तू ऊँची उड़ान.आकाश है खुला पड़ा,समंदर तेरे क़दमों में पड़ापक्के इरादों से हासिल कर नए

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