तुम्हारे अंदर... – पंकज त्रिवेदी
तुम्हारे अंदर प्राण, प्रकृति, जीवन, दर्शन, श्रद्धा, करुणा, दिशा.... सबकुछ है मगर साथ ही गहराई में दर्द का अँधेरा कुआँ भी हैं.... जहाँ मुझे पहुंचना है ....औरउस दर्द की कसक मेंजान फूँक देनी हैहमारे अपने जीवन कीखुशहाली की !