मन
कुछ उदास है पर चलना तो होगा.
फिर एक माँ को खोने का मलाल
आज
अपनी ज़िंदगी को अपनी मर्ज़ी मुताबिक़
जीने के लिए साहसी निर्णय
सेवा निवृत्ति का अंतिम दिन.
कल
एक नई सुबह होगी
नई दिशाएँ इंतज़ार करती बुलाएगी मुझे
डाँवाडोल मन पर दिल के जज़्बात करता रहेगा
अट खेल ियाँ और...
कदम
कौन सी दिशा में ले जाएगा ये सोचे बिना
प्रतिदिन मनाऊंगा खुद को कि आज का दिन है
जी लो जी भर के !
यही
जीवन यात्रा से परम तक का रास्ता चुन लिया है
बीच रास्ते कहाँ, कौन से पड़ाव आयेंगे ये भी क्यूँ सोचूं?
बस चलता रहूँगा
कुछ अपनी यादों को साथ लिए
कहीं आप सभी होंगे, कुछ देर तक कोई साथ चलें
कोई छूटते जायेंगे और धीरे धीरे....
सारी गठरियाँ अपने अपने मुकाम पर छोड़ता हुआ
बस चलता रहूँ मैं
अकेला...
'खुद' को छोड़कर...
विलीन हो जाऊं ब्रह्माण्ड की परम चेतना में !
*
पंकज त्रिवेदी
30 June 2017
(सेवानिवृत्ति का अंतिम दिन)
पंकज त्रिवेदी की अन्य किताबें
संपादक - विश्वगाथा (गुजरात की एकमात्र हिंदी साहित्यिक पत्रिका)
पत्रकारिता- बी.ए. (हिन्दी साहित्य), बी.एड. और जर्नलिज्म एंड मॉस कम्यूनिकेशन (हिन्दी) –भोपाल से साहित्य क्षेत्र-संपादक : विश्वगाथा (त्रैमासिक मुद्रित पत्रिका)लेखन- कविता, कहानी, लघुकथा, निबंध, रेखाचित्र, उपन्यास ।पत्रकारिता- राजस्थान पत्रिका ।अभिरुचि- पठन, फोटोग्राफी, प्रवास, साहित्यिक-शिक्षा और सामाजिक कार्य ।प्रकाशित पुस्तकों की सूचि -1982- संप्राप्तकथा (लघुकथा-संपादन)-गुजराती1996- भीष्म साहनी की श्रेष्ठ कहानियाँ- का- हिंदी से गुजराती अनुवाद1998- अगनपथ (लघुउपन्यास)-हिंदी1998- आगिया (जुगनू) (रेखाचित्र संग्रह)-गुजराती2002- दस्तख़त (सूक्तियाँ)-गुजराती2004- माछलीघरमां मानवी (कहानी संग्रह)-गुजराती2005- झाकळना बूँद (ओस के बूँद) (लघुकथा संपादन)-गुजराती2007- अगनपथ (हिंदी लघुउपन्यास) हिंदी से गुजराती अनुवाद2007- सामीप्य (स्वातंत्र्य सेना के लिए आज़ादी की लड़ाई में सूचना देनेवाली उषा मेहता, अमेरिकन साहित्यकार नोर्मन मेईलर और हिन्दी साहित्यकार भीष्म साहनी की मुलाक़ातों पर आधारित संग्रह) तथा मर्मवेध (निबंध संग्रह) - आदि रचनाएँ गुजराती में।2008- मर्मवेध (निबंध संग्रह)-गुजराती2010- झरोखा (निबंध संग्रह)-हिन्दी 2012- घूघू, बुलबुल और हम (હોલો, બુલબુલ અને આપણે) (निबंध संग्रह)-गुजराती2014- हाँ ! तुम जरूर आओगी (कविता संग्रह)प्रसारण- आकाशावाणी में 1982 से निरंतर कहानियों का प्रसारण ।दस्तावेजी फिल्म : 1994 गुजराती के जानेमाने कविश्री मीनपियासी के जीवन-कवन पर फ़िल्माई गई दस्तावेज़ी फ़िल्म का लेखन।निर्माण- दूरदर्शन केंद्र- राजकोटप्रसारण- राजकोट, अहमदाबाद और दिल्ली दूरदर्शन से कई बार प्रसारण।स्तम्भ - लेखन- टाइम्स ऑफ इंडिया (गुजराती), जयहिंद, जनसत्ता, गुजरात टुडे, गुजरातमित्र, फूलछाब (दैनिक)- राजकोटः मर्मवेध (चिंतनात्मक निबंध), गुजरातमित्र (दैनिक)-सूरतः गुजरातमित्र (माछलीघर -कहानियाँ)सम्मान –(१) हिन्दी निबंध संग्रह – झरोखा को हिन्दी साहित्य अकादमी के द्वारा 2010 का पुरस्कार (२) सहस्राब्दी विश्व हिंदी सम्मेलन में तत्कालीन विज्ञान-टेक्नोलॉजी मंत्री श्री बच्ची सिंह राऊत के द्वारा सम्मान। संपर्क- पंकज त्रिवेदी "ॐ", गोकुलपार्क सोसायटी, 80 फ़ीट रोड, सुरेन्द्र नगर, गुजरात - ३६३००२ मोबाईल : 096625-14007 vishwagatha@gmail.com
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