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जीवन के मूल तत्व 5 है 1, दया का भाव होना चाहिए 2, सेवा का भाव होना चाहिये, 3 द्वेष का भाव नही होना चाहिये , 4 सम्मान का भाव होना चाहिए, यदि ये 5 भाव किसी भी व्यक्ति में यदि होता है तो 
संघर्ष क्या है ,? जीवन मे संघर्ष होना चाहिए , यदि संघर्ष नही होगा तो संघर्ष शब्दो का मतलब समझ मे नही आयेगा, जिस व्यक्ति ने संघर्ष को जान लिया उनके लिये जीवन एक मोड़ है जो कुछ दूर चलने के बा
आध्यत्मिक होना मतलब अपने अराध्य देव का दर्शन करना,यदि जीवन को सुंदर बनाना है तो अपने आराध्य से जुड़ जाओ, हमे जीवन मे कठिन परिस्थितियों में चलने का मार्गदर्शन होता है , कु छ पल अपने आराध्य देव के लिये न
हमारे जीवन मे आध्यत्मिक होना बहुत ही अनिवार्य है, हमारे जीवन को एक नई प्रेणा मिलती है, जीवन को जीने के लिये ,