31 अगस्त 2022
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मैं एक विधार्थी हूँ .... मुझे लिखना और पढ़ना पंसद है . . . नारी है वो नारी है वो ताड़न की अधिकारी दो परिवारो को एक करने वाली टूटे विश्वास को जोड़ने वाली खुले मन से हँसने वाली अपनी इच्छा को मारने वाली आँसू को छूपाने वाली दर्द में भी मुस्कुराने वाली कर्तव्य से अपने मूँख ना मोड़ने वाली थकने पर भी उफ्फ ना करने वाली हे मानव .... नारी है वो नारी ... है वो ताड़न की अधिकारी ... ताड़न की अधिकारी का अर्थ यहां पर प्यार पाने की हकदार से है । D
वाह बहुत खूब लिखा आपने 👌🙏
7 अगस्त 2023
बहुत लाजवाब लिखा आपने बहन किसी की बुक लाइब्रेरी में कैसे जोड़ते हैं बता सकेंगी 😊🙏
5 जून 2023
बहुत बहुत धन्यवाद आपका दी 🤗🙏🏻 मैं भुल गई हूँ दि बहुत दिन से इस ऐप को यूज करना छोड़ दि थी , तो अब याद नही है कैसे जोड़ते हैं ... आप एक बार पुस्तकालय वाली ऑप्शन पर किल्क करके दिखिये , उसमें खरीदा हुआ , पढ़ा हुआ और बुक पर समीक्षा किये हुए बुक रहते है । मुझे लगता है हम जिस बुक को पढ़ते और उस पर कमेंट करते है वही लाइब्रेरी में जुड जाता है ।
इस एप पर मुझे चीजें समझ न आतीं , मेरी कहानी के भाग ऊपर नीचे हो गएवो भी सही न हो रहे हैं ,शैलेश सर को फोन भी किया पर अभी उत्तर न मिला ।मीनाक्षी से बात ही न हो पाती है अब ,यहां नोटीफिकेशन भी न मिलता कि आपकी बात का उत्तर दिया गया है ,जब दोबारा रचना पर आओ तब देखो ।कोई बात नहीं किसी और से पूछकर देखती हूँ ,धन्यवाद बिटिया ,हाँ हो सके तो एक समीक्षा मेरी कहानी 'बहू की विदाई'पर कर देना 🙏🙏
han ye bat to h.... ki kuchh pata ni chalta h... Bina dekhe ... ok ma'am padhungi .... av time ni mil raha h na... to ni padh pa Rahi hun ..