जिसने मुझको यहां बुलाया कोई तो उसका पता बता दे
ए महफील जिस ने सजाया कोई तो उनका पता बता दे
मुझे अकेला छोड़ चले वो इस जालिमों की भीड़ में
कैसी हमने की नादानी कैसी की खता बता दे
जब भी उनसे की मोहब्बत लाखों वादे तोड़ दिए
मेरे दिल को शीशा समझा हुआ पुराना तोड़ दिए
तुम ही फूल हो तुम्हीं माली कली कहां हैं पता बता दे
बड़ी पुरानी है उनसे रिश्ता दिल्लगी नाता बता दे
रोकने वाले ऐ दीवारों मेरी बेबसी पर तरसो
क्या है मेरी गुनाहों का कोई तो मुझे सजा बता दे