shabd-logo

सजाने लगे हैं

24 फरवरी 2023

15 बार देखा गया 15
आंखों में कजरा लगाने लगे हैं
अपनी जुल्फों में गजरा सजाने लगे हैं


तोड़ के दिल किसी का हाथों में मेहंदी रचाने लगे हैं
करके वादा आने की जाने लगे हैं


जा जा रे हुस्न वाले अब और ना सता
खामोशियों में भी कुछ बताने लगे हैं


मेरे दिल में रहने वाले मेरे दिलरुबा
अब अपना घर बसाने लगे हैं


जिंदगी में जुदाई का रंग भी हमने देखे
पर्दों में रहकर भी पर्दा गिराने लगे हैं


लिखे थे जो मोहब्बत के स्याही से मेरा नाम
अब नफरत के पत्थर से मिटाने लगे हैं


देखकर मेरी परछाई नजरें झुकाने लगे हैं
कैसे बदलते हैं इंसान हमें बताने लगे हैं


कभी मत आना मेरी गलियों में "मनोज"
यह लिखा हुआ तख्त लटकाने लगे हैं


अपनी जुल्फों में गजरा सजाने लगे हैं
10
रचनाएँ
गेंद
0.0
जिस तरह गेंद गोल है ठीक उसी तरह उसका कर्म भी गोल है।
1

मेरे घर चले आना

24 फरवरी 2023
1
0
0

कभी फुर्सत मिले तुझको तो मेरे घर चले आनासारे गम तेरे मुश्किल तू अपने साथ में लाना।।मेरा वादा है ऐ बंदे तुझे आराम मिलेगातू जिसके लिए तरसा वो सुबहो-शाम मिलेगा ।मैं सबके दिल में रहता हूं बड़ा सा आशियाना

2

अरमान भरे हैं

24 फरवरी 2023
0
0
0

तेरे लिए मेरे दिल में बहुत अरमान भरे हैंतूने जो मारे हैं खंजर उसके निशान भरे हैंलोगों से जो कहते हैं देते नहीं कभी तोहफेचल कर देखिए जनाब इन के लिए मकान भरे हैंकहते हैं तुम अकेले हो नहीं साथ कोईइन दुश्

3

मुलाकात

24 फरवरी 2023
0
0
0

तन्हाइयों में अक्सर मुलाकात हो रही हैरूठे हुए हैं फिर भी हर बात हो रही।करते हैं प्यार इतना मुझे अब समझ में आयाबरसों से जो ना की थी अब दिन रात हो रही है।ओढ़ लो सच्चाई की चादर अपने जिस्मों परदेख नहीं रह

4

जाने के बाद

24 फरवरी 2023
0
0
0

कोई दर्द न समझा तेरे जाने के बाद कोई मुड़कर ना देखा आजमाने के बादमैं तो रोता रहा मुस्कुराने के बाद कोई दर्द न समझा तेरे जाने के बादमैं भटकता रहा इस गली उस गली कोई अपना ना देखा छूट जाने

5

पता बता दे

24 फरवरी 2023
0
0
0

जिसने मुझको यहां बुलाया कोई तो उसका पता बता देए महफील जिस ने सजाया कोई तो उनका पता बता देमुझे अकेला छोड़ चले वो इस जालिमों की भीड़ मेंकैसी हमने की नादानी कैसी की खता बता देजब भी उनसे की मोहब्बत लाखों

6

सजाने लगे हैं

24 फरवरी 2023
0
0
0

आंखों में कजरा लगाने लगे हैंअपनी जुल्फों में गजरा सजाने लगे हैंतोड़ के दिल किसी का हाथों में मेहंदी रचाने लगे हैंकरके वादा आने की जाने लगे हैंजा जा रे हुस्न वाले अब और ना सताखामोशियों में भी कुछ बताने

7

जाना होगा

24 फरवरी 2023
0
0
0

नहीं मुझे हर हाल में जाना होगाक्या पता गोदड में ही खजाना होगाबड़ी मुश्किल से पत्थर को तोड़ा है मैंने बनाने दे मुरत मेरीक्या पता जाने का यही बहाना होगामुझे जलकर राख होने देमिट्टी में मिलने दो खाक

8

झुकता रहा हूं मैं

24 फरवरी 2023
0
0
0

छुप छुप कर देखता रहा हूं मैं हाले दिल से पुछता रहा हूं मैंतुम क्या चाहता है मुझसे बोलअपनों के नाम पर झुकता रहा हूं मैंचल ईक बार और भरोसा कर लेबहुत करीब से लौटता रहा हूं मैंदिलों को जोड़ ना आसान ल

9

वही होगा

24 फरवरी 2023
1
0
0

बड़ी मुश्किलों से दो-चार यार बनाया थादुश्मनों ने गिरा डाला जो जुगाड़ से सरकार बनाया थाअजीबो-गरीब खेल खेलते हैं यहां सबअपने ही गला काट लिया उसने जो खुद तलवार बनाया थाजब बुरे वक्त आए तो साया भी साथ छोड़

10

बादशाह

11 मार्च 2023
0
0
0

हम तो अपने मन के बादशाह हैंचाहो तो मोहब्बत में गुलाम बना लोगिरे जो आसमान से कोई सिताराहुनर है तो चमकता हुआ मकान बना लोदिल तो करता है काट दे जडै सारी बंदिशों के

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए