बड़ी मुश्किलों से दो-चार यार बनाया था
दुश्मनों ने गिरा डाला जो जुगाड़ से सरकार बनाया था
अजीबो-गरीब खेल खेलते हैं यहां सब
अपने ही गला काट लिया उसने जो खुद तलवार बनाया था
जब बुरे वक्त आए तो साया भी साथ छोड़ देती है
मैं उसी से टकरा गया जो मैं खुद दीवार बनाया था
परिवर्तन संसार का नियम है यह सब जानते हैं
उसके साथ भी वही होगा जो पांच सौ का हजार बनाया था