रूह-
रूह मानव की महिला साथी। जो आजाद खयाल की नरम दिल वाली है। कश्मीर के लोगों के बारे में पढ़ना और जानना उसे अच्छा लगता है। बेबी आंटी और मानव जब मिलते हैं तो उसकी भी आँखें भावुकता से गीली हो जाती है। उसका दिल करुणा और स्नेह से भर जाता है।
गुल मुहम्मद-
गुल मुहम्मद मानव के पिता के कश्मीरी मुसलमान दोस्त हैं। जिनकी उम्र 70 साल है। लेकिन काम करने से नहीं चूकते। उनका मन साफ और कोमल है। मानव के कश्मीर पहुचने के बाद उसे रिसीव करते हैं और उसके रहने का प्रबंध भी करते हैं।
बेबी आंटी-
बेबी आंटी कश्मीर में रहने वाली कश्मीरी पंडित हैं। जिनका परिवार 1988 में कश्मीरी पंडितों के भगाए जाने पर भी कश्मीरी नहीं छोड़ और किसी तरह उन्होंने सरवाइव कर अपनी जिंदगी को वही बिताना ठीक समझा। जिनकी गोद में मानव ने कभी अपने बचपन गुजारे थे। बेबी को जब मानव के कश्मीर में होने की खबर मिलती है तो उसे अपने पास बुलाती है और देखते ही उसे जोंर से गले लगा लेती है, जैसे वो उसे कभी छोड़ना नहीं चाहती।