ज्योतिष में पितृदोष का बहुत महत्व माना जाता है। पितृ दोष एक अदृश्य बाधा है। ये बाधा पितरों द्वारा रुष्ट होने के कारण होती है। जब हमारे पूर्वज महसूस करते हैं कि हमारे परिवार के लोग ना तो हमारे प्रति श्रद्धा रखते हैं, ना ही किसी भी अवसर पर ये हमको याद करते हैं। ना ही हमारे परिवार के लोग अपने ऋण चुकाने का प्रयास करते हैं। इन कारणों से ये आत्माएं दुखी होकर अपने वंशजों को श्राप दे देती हैं, जिसे "पितृ- दोष" कहा जाता है।
पितृ दोष क्यों होता है ?
किसी भी व्यक्ति के अपने परिवार में उसके जन्म से पूर्व यदि किसी पूर्वज की मरणोपरांत अंत्येष्टि क्रिया शास्त्र सम्मत विधि विधान से न की गयी हो। अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद विधि विधान से अंतिम संस्कार न किया जाए या किसी की अकाल मृत्यु हो जाए तो व्यक्ति से जुड़े परिवार की कई पीढ़ियों को तक पितृदोष का दंश झेलना पड़ता है। परिवार में पूर्वजों के निमित्त कोई भी कार्य न किया जाता हो तो उसकी कुंडली में पितृ दोष अवश्य मिलता है। जिसे प्रेतबाधा भी कहते हैं।
और पढ़ें