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प्रकृति प्रेम

vk yadav

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बर्षा रानी बर्षा रानी, आती हो तुम कितनी प्यारी। छम छम करती डम डम करती, उछल पुछल तुम दिन भर करती। अपने आंचल में तुम सबको भरती, प्रेम सदा तुम सबको करती। सबका खयाल सदा तुम रखती, प्रकृति के आंचल को ढकती। किसानों के खुशी की मुस्कान तुम बनती, फसलों की सिंचाई तुम करती। झीलो नदियों को तुम भरती, प्रकृति की तुम सोभा भरती। बर्षा रानी बर्षा रानी, आती हो तुम कितनी प्यारी। 

prakriti prem

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