एक जुझारू राजनेता और गुजरात के सफल मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी से सभी परिचित हैं। लेकिन बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि नरेंद्र मोदी एक लेखक भी हैं। अपनी युवावस्था में लिखी संवेदना से भरी उनकी ये कहानियाँ प्रेम और अनुराग के अलग-अलग पहलुओं को दर्शाती हैं। नरेंद्र मोदी का मानना है कि मातृप्रेम ही समस्त प्रेम का स्त्रोत है और उससे बढ़कर कोई सच्चा प्रेम नहीं है। मनुष्य के बीच अलग-अलग प्रेम इसी मातृप्रेम के विभिन्न रूप हैं, चाहे वह प्रेम दो दोस्तों में हो, एक अध्यापक का अपने छात्र के लिए, एक डॉक्टर का अपने मरीज़ के लिए या फिर एक पति का अपने पत्नी के लिए हो। ये कहानियाँ पढ़कर आश्चर्य होता है कि इतने शक्तिशाली राजनीतिक व्यक्तित्व के पीछे इतना कोमल ह्रदय धड़कता है। ये कहानियाँ नरेंद्र मोदी के बहुआयामी व्यक्तित्व का एक और पहलू उजागर करती है। गुजराती से हिन्दी में इन कहानियों का अनुवाद गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष आलोक गुप्त ने किया है। हर कहानी पर गुजरात के एक विशिष्ट लेखक की समीक्षा है जो इस संग्रह की शोभा बढ़ाती है।
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