7 जून 2022
कथा उस समय की है जब नन्दजी राजा कंस का कर चुकाने, वसुदेवजी की कुशल पूछने और उन्हें अपने यहाँ के पुत्रोत्सव का समाचार देने के लिये मथुरा चले गये। उसी समय कंस की भेजी हुई बालघातिनी दुष्टा राक्षसी प