Sikयह कहानी एक माध्यमिक परिवार के सबसे छोटे बेटे की है जिसके चेहरे पर हमेशा मुस्कान छलकती रहती हैं। लेकिन यह मुस्कान प्यारी मुस्कान है या फिर कुछ और यह इस कहानी के माध्यम से हम आपको बताएंगे।
एक छोटे गांव के एक माध्यमिक परिवार में राहुल नाम का लड़का था। वह अपने परिवार का सबसे छोटा बेटा था। वह पढ़ने में भी बहुत होशियार था। लेकिन उसको अपनी ही पढ़ाई से नफरत सी होने लगी थी क्योंकि उसके पिताजी उसकी वजह से उसके बड़े भाई को बहुत ज्यादा सुनाते थे की तुम्हारी छोटा भाई इतना अच्छा पढ़ता है और तुम बिल्कुल नही पढ़ना चाहते हो। दोनो भाई भगवान में अटूट विश्वास रखते थे । छोटा भाई हमेशा मुस्कुराता रहता था क्योंकि उसका मानना था कि भगवान ने एक जीवन दिया है तो उदास रहकर क्यों जीना। लेकिन कहते है ना की किसी भी चीज को यदि सिद्दत से चाहो तो कायनात तुम्हे उससे मिलाने में लग जाती है । कुछ ऐसा ही हुआ राहुल के साथ भी। जिंदगी ऐसे मोड़ पर आई की जहां पर रोना चाहता था वहा भी उसे मुस्कुराना ही पड़ा। बात शुरू होती है राहुल के बचपन से जब वह लगभग दस साल का था ।जब एक दिन उसके पिताजी उसकी पढ़ाई की वजह से उसके बड़े भाई को सुना रहे थे तब उसने भगवान से एक दुआ मांगी की हे भगवान पिताजी को मुझपर इतना ज्यादा घमंड है की मेरी वजह से मेरे भाई को सुननी पड़ती हैं। इसलिए हे भगवान मैं आपसे निवेदन करता हूं की कुछ ऐसा करना कि मेरी वजह से पिताजी को कुछ गलत सुनना पड़े और उनका मेरे ऊपर से घमंड उतर जाए और मेरे बड़े भाई को मुझसे ज्यादा सम्मान मिलने लगे। लेकिन वो कहते है की भगवान सबकी सुनते है और उसके यहां देर है पर अंधेर नहीं। राहुल की बचपन में मांगी हुई इच्छा का पूरा होने का समय आ गया था जो उसने बचपन में अनजाने से ही सही पर मांग ली थी।राहुल ने इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला करवा लिया था ।राहुल के पिताजी जब उसको कॉलेज छोड़कर गए थे तो उन्होंने कहा था कि बेटा बड़े भाई ने कॉलेज में कोई गलत काम नही किया है तो तू भी इस बात का ध्यान रखना ,कुछ भी करना बस कोई गलत काम मत करना ।राहुल कॉलेज समय में भी हर समय मुस्कुराता रहता था और बहुत सारे दोस्त भी बना लिए थे। सभी दोस्त अच्छे थे। लेकिन उससे अनजाने में एक गलती हो गई थी कि वह कुछ गलत संगत के दोस्तो के साथ मिलकर नशा करने लगा था जैसे की गांजा ,चरस ,ड्रग्स इत्यादि।वो यह सब काम छुप छुप कर किया करता था। एक दिन वह सोचने लगा की यार पिताजी ने बोला था की कुछ भी गलत काम मत करना और मै यहां पर यह सब काम कर रहा हूं। इस बात को सोचकर उसे खुद से घिन आने लगी थी।वह हर रात को सोते समय अपने मम्मी पापा को याद करता और रोने लग जाता था। वह अपनी पूरी रात ऐसे ही बिताता था और दिन में अपने दोस्तो के साथ एक दम ऐसा हो जाता था की उसे कुछ हुआ ही नही। वह ऐसा इसलिए करता था क्योंकि दोस्तो को बताएगा तो ताना मारेंगे। उसको डर था की ये बात उसके गांव वालो को न पता चल जाए क्योंकि यदि उन लोगो को पता चल गई तो वे लोग पिताजी को बेइज्जत करेंगे। वह हर रात को रोता था और दिन में वही मुस्कुराता हुआ चेहरा रखता था। उसका चेहरा देख कर कोई नहीं कह सकता था की वह रात में अपनी गलती पर फुट फुट कर रोता है । वह घर जाता है तो घरवालों को भी पता नहीं लगने देता था की वो आज उदास है। उसके चेहरे से हमेशा खुशी छलकती थी। उसके रिश्तेदार भी बोलते थे की इसको किस चीज की इतनी खुशी है लेकिन सच तो केवल वह खुद ही जनता था कि वह अंदर से कितना खुश है।वह अपनी इस हालत का कारण भगवान को मानने लगा था । लेकिन कहते है ना कि दुख के बाद सुख का आना भी निश्चित है ।ऐसा ही कुछ हुआ था राहुल के साथ। एक रात उसे एक ख्वाब आया जिसमे उसे याद आया कि उसने खुद ही बचपन में भगवान से अनजाने में ऐसा ही तो मांगा ताकि उसके पिताजी का घमंड टूट जाए। सुबह उठते ही वह सबसे पहले मंदिर गया और अपनी गलती की क्षमा मांगी और कहा की हे भगवान मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई है कि मैने अनजाने में ही सही लेकिन इतनी गलत इच्छा मांगी थी। वह भगवान के सामने अपनी गलती को स्वीकारने लगा और कहा की हे प्रभु मुझे इस लत से दूर कर अपने पिताजी के सपने पूरे करने की शक्ति प्रदान करे। इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष में राहुल की अच्छी और सम्मानजनक कंपनी में नौकरी लग गई थी और अब वह अपने परिवार के साथ एकदम खुश था।लेकिन मुस्कुराना अभी भी जारी था ।
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