अरे हो भारती तेरी बहन मिनू कहा है उसको देख जाकर की तैयार हूई क्या आज उसकी हल्दी दुल्हे को हल्दी लग चुकी है तो वो अब दुल्हन की हल्दी लेकर निकल गये है सुन रही है ना भारती
हां हां मां
ये है हमारी मिनु की बहन भारती है और मिनु का पूरा नाम मिनाक्षी जो सबकी प्यारी
और मिनु और भारती की मां सरिता जी जो तीन बच्चों की मां और चार देवरानी जेठानी मैं सबसे बड़ी जेठानी
सरिता जी का एक बेटा जो मिनु और भारती से छोटा है आशीष जी से प्यार से आसू कहते हैं
मिनु सबसे बड़ी थी इसलिए उसकी शादी सबसे पहले हो रही थी आज मिनाक्षी की हल्दी थी मिनाक्षी जी और उसकी पूरी फैमिली राजस्थान के अन्दर गांव में रहते थे जो कहने को गांव था पर सुविधा सब थी मिनाक्षी का ससुराल भी पास के दो घंटे के अन्दर जाने वाले शहर मैं की थी
गांव में रित होती है की पहले दुल्हे को हल्दी लगती है फिर वही हल्दी दुल्हन को भेजते हैं
मिनाक्षी अपने कमरे में पिछली कलर की साड़ी पहने और गले में एक पतली सी चेन और हाथों में पिल्लै कलर के एक एक कड़े पहने कुर्सी पर बैठी अपने आने वाले दिनों के सपने देख रही थी
इतने में उसकी छोटी बहन भारती जोर से चिल्लाती हुई आती है और साथ मैं और भी बहने और सहेली होती है
हमारी मिनाक्षी दीदी तैयार हो गई
दीदी किस ख्यालों मैं खोई हो
अरे जीजाजी के ख्यालों में खोई है और कीसके ख्यालों में खोई होगी
सब हंसने लगते हैं इतने मैं पिछे सरिता जी आती है और कमरे में आकर अरे हो छोरियों मैंने तुम सब को मिनु को नीचे लाने को कहा था मुहूर्त निकला जा रहा है और तुम सब हीहीही कर रही हो यहा
क्या मां हमारे घर मैं पहली शादी है और जीजी भी दो दिन में पराई हो जायेगी तो हम तो बस उन्हें मस्ती कर रहे थे
हां बिटिया कब बड़ी हो जाती है पता ही नहीं चलता सब के चेहरे पर नम होने लगे इतने में आसु आकर मतलब भारती और मिनु का भाई आकर मां आपको और दीदी को नीचे बुला रहे
हां चल आते हैं हम
सरिता सब लड़कियो को मिनु को नीचे लाने को बोलकर चली जाती है
अगले भाग में
हेलो दोस्तो ये मेरी नयी कहानी तो प्लीज़ रेटिंग और समीक्षा जरुर दे और पार्ट कैसा लगा जरूर बताया
ये कहानी ज्यादा लंबी नही होगी बस आप लोगों का साथ चाहिए
धन्यवाद
पूजा गोयल