21 सितम्बर 2024
हिन्दी हमारी मातृ भाषा, करो इसे तुम स्वीकार।करो न इसकी अवहेलना,करो जन जन अंगीकार।।माता इसे हम मानते, इससे सभ्यता अरु संस्कृति।ज्ञान पुष्प पल्लवित हो, अर्थ ग्रहण अरु अभिव्यक्ति।।हिन्दी भाषा