राजनीती :-
राजनीती (दो मित्रो की )
यह कहानी दो मित्रो की हे ! मित्र का नाम उमेश और में ! हमारी दोस्ती स्कूलों से जुडी बचपन से ही थी ! पढ़ाई में भी हम होशियार थे ! हम कार्यक्रम में भाग लेते थे जब अच्छा लगता जब कोई नेता हमे भाषण देते ! बड़ी गौर से सुनते थे ! जब वोट का समय आता हम पूरा सपोर्ट करते चाहे कोई भी पार्टी जीते बस हमारा काम यही लोगो को जागरूक करना ! जान पहचान भी बढ़ने लगी !
धीरे धीरे समय बदलता गया ! उमेश ने कहा क्यों न हम भी राजनीती में खड़े हो जाये ! मेने कहा मित्र तुमने मेरे दिल की बात कह दी ! फिर हमने भी नामंकन भरवाया !
दो पार्टी थी पक्ष और विपक्ष लेकिन जहा पर हमने नामांकन भरवाया उसी पक्ष में और बड़े नेता थे ! लेकिन हमे मालूम था की इनकी चाबी कोनसी हे मतलब ये किस तरह जीतते हे ! हम दोनों मित्रो की चर्चाएं चली की ये हारेंगे और भी की आरोप लगे ! लेकिन इन सबसे दूर हम दिन रात कड़ी मेहनत की ! हमने चारो और चर्चाए शुरू करवा दी ! की पूर्व नेताओ ने केसा विकास किया हे ! और भी कई मुद्दे थे जो गांव वालो के सामने रखे ! और अब जागरूक किये ! अब समय था वोटिंग का करने का ! सभी गांव के लोगो ने वोट भरपूर किया ! हमे बचपन से ही गांव के लोग जानते थे ! वोटींग खत्म हुई ! फैसले की घड़ी आई कभी हम आगे रहते तो कभी पीछे ! आख़िरकार वो घड़ी आई और हम विजयी हुए ! गावो में ख़ुशी की लहर आई ! सबसे पहले गावो के विकास की तरफ ध्यान दिया ! लेकिन विपक्ष का काम होता हे जो भी अच्छा करे उसमे बिच में टांग डालना ! लेकिन उससे परे हम दोनों ने भरपूर गांव का विकास किया !
🙏🙏🙏🙏( काल्पनिक कहानी हे )